Saturday, January 28, 2012

एक अतुकान्त रचना

कारण
उनके  लड़ने  का 
अज्ञात ?
पर वक़्त के घाट 
गवाह है 
कि 
मानवता की लाश 
यहीं  जली थी
      -----------शरद कुमार सक्सेना  

4 comments:

  1. चंद पंक्तियों में लाजबाब प्रस्तुति !
    गागर में सागर !
    आभार !

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  2. मनीष जी, उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया

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  3. Replies
    1. शुक्रिया , अनुपमा जी

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