India
Saturday, January 28, 2012
एक अतुकान्त रचना
कारण
उनके लड़ने का
अज्ञात ?
पर वक़्त के घाट
गवाह है
कि
मानवता की
लाश
यहीं जली थी
-----------शरद कुमार सक्सेना
Sharad Singh: घर के बाहर घर की यादें
Sharad Singh: घर के बाहर घर की यादें
: - डॉ. शरद सिंह मेरी यह ग़ज़ल अल्पना वर्मा, डॉ. मोनिका शर्मा, पूर्णिमा वर्मन, डॉ. हरदीप संधु, डॉ. भवजो...
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